मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नेपाल में माओवाद के रूप में दिखा अपनों के साथ भेदभाव का रिज़ल्ट

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर नहीं चलने के दुष्परिणामों का जिक्र करते हुए सोमवार को बोला कि समाज जब भी अपनों के साथ भेदभाव करता है तो नेपाल में माओवाद की तरह उसका एक विकृत रूप देखने को मिलता है. सीएम ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौका पर आयोजित प्रोग्राम में समावेशी विकास का जिक्र किया और कहा, समाज जब भी अपनों से भेदभाव करता है तो उसका एक विकृत रूप देखने को मिलता है जो नेपाल में माओवाद के रूप में देखने को मिला.
योगी ने थारू समुदाय का जिक्र करते हुए कहा, थारू समुदाय आजादी के बाद भी शासन की सुविधाओं से वंचित था. हिंदुस्तान में रह रहे इस समुदाय तक केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं पहुंचने लगीं तो वह देश की मुख्यधारा से जुड़ कर अपना सहयोग करने लगा. लेकिन यही समुदाय नेपाल में जाकर नक्सली बन जाता है और वहां की व्यवस्था को तहस-नहस करता हुआ दिखाई देता है.
मुख्यमंत्री ने समावेशी विकास सुनिश्चित करने के अपनी सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, हमने लखीमपुर खीरी में 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना के अनुसार थारू जनजाति द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी इस योजना का भाग बनाया और मुझे प्रसन्नता है कि आज उन्हें राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि मिली है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सभी को शुभकामना देते हुए सीएम ने कहा, जिस समाज ने मातृशक्ति को इतना सम्मान दिया है, उसमें आधी आबादी के साथ भेदभाव और बर्बरता क्यों हो रही है, यह प्रश्न हम सबके सामने हमेशा मुंह बाए खड़ा रहता है.
उन्होंने कहा, इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की जब बात आती है तो हम जैसे हिंदुस्तानियों के बारे में यह प्रश्न स्वयं ही खड़ा होता है कि क्या महिला दिवस के मौका पर कार्यक्रमों की औपचारिकता निभाकर हम समस्याओं का निवारण निकाल पाएंगे? सीएम ने बोला कि उनकी सरकार ने स्त्रियों और बेटियों की सुरक्षा तथा उनके उत्थान के लिए अनेक कार्य किए हैं. 'मिशन शक्ति प्रोग्राम भी इन्हीं कोशिशों का भाग है. उन्होंने कहा, हमने जब 'मिशन शक्ति प्रोग्राम प्रारम्भ किया था तब शारदीय नवरात्र थी. यानी नारी शक्ति की प्रतीक जगत जननी मां भगवती दुर्गा के अनुष्ठान का कार्यक्रम.